कालि चाहियो - मुक्तक मेरा रचनाहरू No comments सालि भन्न पहिले, कालि चाहियोलौ न एउटि दिल-वालि चाहियोयो मायाको फुलबारि, गोड्न सक्ने सुन्दर बगैंचाकि, माली चाहियो २०७७-०६-०५ Share: Email ThisBlogThis!Share to XShare to Facebook
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